*इतने बेताब इतने बेक़रार क्यूँ हैं,*
*लोग जरूरत से होशियार क्यूँ हैं।*
*मुंह पे तो सभी अपने हैं लेकिन.*
*पीठ पीछे दुश्मन हज़ार क्यूँ हैं।*
*हर चेहरे पर इक मुखौटा है यारो,*
*लोग ज़हर में डूबे किरदार क्यूँ हैं।*
*सब काट रहे हैं यहां इक दूजे को,*
*लोग सभी दो धारी तलवार क्यूँ हैं।*
*सब को सबकी हर खबर चाहिये,*
*लोग चलते फिरते अखबार क्यूँ है l*
*लोग जरूरत से होशियार क्यूँ हैं।*
*मुंह पे तो सभी अपने हैं लेकिन.*
*पीठ पीछे दुश्मन हज़ार क्यूँ हैं।*
*हर चेहरे पर इक मुखौटा है यारो,*
*लोग ज़हर में डूबे किरदार क्यूँ हैं।*
*सब काट रहे हैं यहां इक दूजे को,*
*लोग सभी दो धारी तलवार क्यूँ हैं।*
*सब को सबकी हर खबर चाहिये,*
*लोग चलते फिरते अखबार क्यूँ है l*
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